Tuesday 1 March 2016

चाँद

अटरिया पर चढ़ कर चाँद कुछ यूँ बैठा है जैसे उतरना ही न हो उतरना तो होगा ही देखना कल सुबह नदारद होगा और अगली रात से थोड़ा थोड़ा कटा मिलेगा जैसे अटरिया पर चढ़ने भर की किस्ते चुका रहा हो।।   ©shailla’z diary

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