Thursday 21 January 2016

Heart & Trust


(written by a friend in 2004: I guess)
Heart &  Trust are like a Mirror
By a small thing they all shiver
You can see your reflection
Till you keep them in your hands
They are yours
No matter where life landd
Very easily we give them to anyone
But they belong to only one
If you take your hands apart
They can broke into pieces very small
Once broken can never be gather again.
If you try to pick them up
They give pain
Once they  fall, you can own only a piece
And the whole of it.
In them, only the memories vlick
You can never mend
No matter how much you try
It is already  broken
No matter how much you cry
They once broken  can never be mend
And their fate
That on the hand holding them
They depend… !!!
©Shailla’z Diary

Wednesday 20 January 2016

You my life


You are the lyrics for me to write…
You are the music for me to play…
You are the  god for me to worship…
You are the reason for me to pray…
You are the first smile to shine my day….
You are the flower to fragrant my life..
You are my life..!!
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तू शब्द है  मेरे लिखने के लिए
तू संगीत है गाने  सुनने के लिए
तू देव है पूजने के लिए
तू है मेरे दिन की पहली  हंसी
तू विश्वास है जीने के लिए
तू फूल है  सुगंध है
जिंदगी है मेरी।
©Shailla’z Diary

Monday 18 January 2016

प्रेम

यूँ तो “प्यार” और ” प्रेम” जैसे शब्दों पर लिखना या बातें करना अब तक कभी मेरा विषय नहीं रहा, फिर भी पत्र-पत्रिकाओं में, इन्टरनेट पर बहुत सी चटपटी अटपटी सी चीजें देखि पढ़ी हैं।
जरा सोचो उन प्रेमियो के बारे में जिनका प्रीतम कहीं दूर अनाम-बेनाम सा अद्रश्य सा है, जो हवाओं में,आसमानों में बसता है, न कोई रंग, न कोई रूप, फिर भी कोई मतवाला आशिक़ ढूंढता फिरता है जंगल जंगल, पर्वत पर्वत। अपने प्रीतम से मिलने को बेकरार। वो जो बहुत करीब हो कर भी दूर है बहुत।।
ऐसी ही मतवाली मीरा भी तो थी, जो राज-काज छोड़ कर बावरी बनी नंगे पाँव अपने प्रीतम को खोजती हुई वृंदावन जा पहुंची।
…. मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोई….
और ऐसे ही एक थे रहमान, जो यमुना किनारे, पेड़ों पर कान्हा को खोजते रहे। सूर की तो जैसे आंखें पथरा गयी खोजते खोजते – कब आएंगे कान्हा और पूछेंगे – सूर! तुम अब तक सोए नहीं ?
आखिर ये मतवाले प्रेमी भी तो हमारे बीच के ही थे, इंसान ही थे फिर भी ऐसी कौन सी चोट लगी थी की ये मतवाले हो गए और अपने प्रीतम को पाने के लिए बामुश्किल सीमाएं लांघ गए।।
कुछ ऐसा ही प्रेम वर्षों पहले हमने देखा अपने दादा-दादी के बीच। कैसे 12 वर्ष की दादी ने कदम रखा होगा दुल्हन बन, दादा के जीवन में और कैसे गुजार दी होगी अपनी हसीन जिंदगी। उस वक्त तो सुख की सारी कल्पना हाड तोड मेहनत में गुजर जाती थी। उन्होंने क्या नहीं किया दादा का अस्तित्व बनाए रखने में। आज भी जब दादा का पुराना घर देखो तो दादा-दादी के प्यार के, मेहनत के, लड़ाई-झगड़े के किस्से नजर आते हैं। सच तो यह है कि उन दिवारों को ढहा कर नई दीवारें खड़ी करना बेमानी सा होगा।
सच्चा प्यार कोई सडकों की वस्तु नहीं और न ही कोई आन्दोलन ही है और न ही कोई प्रदर्शन मात्र चीज है।
बेशक आप आज के समय में ऐसा खुदाई प्यार नहीं कर सकते पर फिर भी “प्यार” तो कर सकते हैं, उसकी खुश्बू को महसूस तो कर सकते हैं।
ऐसा संभव है की दो जन मिलकर एक हो सके सारी दूरियां मिटा के, सारे अहं मिटा के। अगर ये भी नहीं कर सकते तो फिर आप “प्यार” को बाजारू बना रहे हैं।।
©Shailla’z Diary

Wednesday 13 January 2016

Metal Pieces

People are like a metal,  various colours,  texture,  origin and values. I love all of their stories like how beautifully they can be moulded into something so much worthy.  Every hand it passes through has an  incident attached to it, whether it is candy of a kid,  a cup of coffee with an old friend (unexpectedly), flowers for someone’s beloved or an incentive to a daily labourer. I love collecting these metal pieces & their beautiful stories. It’s endlessly fascinating, no matter what their design is,they are always worth something to someone and always retain their values.

Monday 11 January 2016

गुड्डी

गुड्डी….हाँ यही तो नाम था उसका,याद है मुझे।
गुड्डी मेरे दादाजी के चचेरे भाई की बेटी थी
बचपन में जब भी गाँव जाती
हम साथ खेल करते
माँ भी मुझे उसके साथ खेलने देतीं
बिना रोक टोक
दूर का रिश्ता होते हुए भी
मैं उसकी बहुत प्यारी थी
मैं शहर के इंग्लिश स्कूल में
और, वो गाँव के ही हिंदी स्कूल में पढ़ते थे।
गुड्डी के पापा गाँव में ही फसल उगाते थे
और गुड्डी उनका हाथ बांटती थी
वो सिर्फ आठ जमात ही पढ़ सकी
कम उम्र में ही शादी जो कर दी गयी थी।
बस इतनी ही गुड्डी याद है मुझे।
धीरे धीरे मेरा गाँव जाना भी बंद हो गया।
बहुत सालों बाद वो अचानक
मुझे मेरे एक रिश्तेदार की शादी में मिली
उसके दो बच्चे हैं दोनों शहर के अंग्रेजी स्कूल में पढ़ते हैं।
गुड्डी खुश है बहुत बदली सी है, पर
उसका मेरे लिए उसका प्यार आज भी वैसा ही है।।
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Guddi …. yes that’s her name, I do remember
Guddi was my grandfather’s cousin’s daughter
Whenever i went to village in my childhood
we play together
Mom would let me play with her
freely
Notwithstanding distant relationship
still,she loved me much.
I enjoyed in city’s English school
and she went in Hindi school
Her father grew crops in village
and she helps him.
she studied only till eight standard
she had been married at an early age
I just remember the same Guddi.
Gradually I got to close to go to village.
After so many years, all sudden
she met me in my relative’s wedding
she has two children now,doing so well.
Guddi is happy but much changed now
but her for me still the same…!!
©shailla’z diary

Wednesday 6 January 2016

सीख और चाय


आज मैं सोच रही थी कुछ सिखने के बारे में..वो क्या है की सीखते तो सभी हैं बस लोगों के सिखने का तरीका अलग होता है, कुछ सुन कर सीखते हैं तो कुछ पढ़ कर सीखते हैं, कुछ सीखते हैं फिल्मों से तो कुछ गूगल से, कुछ लोग सीखते हैं आसपास देख कर तो कुछ लोग सिर्फ अपने आप से ही बहुत कुछ सीख लेते हैं।
मेरा क्या तरीका है मैं नही जानती, कैसे सीखती हूँ मैं?, अब तक नहीं समझ पायी। शायद ये सभी तरीके मेरे भी थे।
कहते तो ये भी हैं जिन्दगी में इंसान मुसीबतों से भी बहुत कुछ सीखता है, इश्क भी बहुत कुछ सिखा जाता है अपने तरीकों से।
तो अब तक जाना तो ये भी है  कि जिंदगी चाहे किसी की भी हो सीखती तो इश्क से भी है, हर बार  जब भी किसी मतवाले से मुलाकात हो, समझो अब मुसीबतों से भी मुलाकात होगी और जब भी इस मुसीबत से सामना होता है तो जिंदगी अलग रंग में नजर आती है फिर सब कुछ बदल जाता है। हमारी पसंद नापसंद सब। हर बार कुछ नया सा कर जाता है और हम खुद को पहले से ज्यादा सुलझा हुआ सा महसूस करते हैं।
इश्क में होने पर महबूब की सारी चीज़ें अच्छी लगती हैं , उसकी पसंद की सारी चीजें हम करना चाहते हैं, उसके शौक़ हमारे शौक बनते जाते हैं और हमें पता भी  नहीं चलता। उसकी पसंद की ड्रिंक्स हमारी पसंदीदा कब हुई पता ही नहीं चला । ऐसे ही बिना दुध की काली चाय बहुत पसंद थी उसे। आलम ये हुआ कि मुहब्बत में हमने काली चाय तक पीनी शुरू कर दी। बचपन से लेकर अब तक हम ने कभी  चाय नहीं पी थी।  माँ ने जो डराया हुआ था कि चाय पीने से  काले हो जाते हैं। शायद पहली बार चाय मामा के घर पर ही पी गई थी, मामी ने जबरदस्ती सर्दी ठीक हो जाने का लालच देकर पीला दी थी, वो भी कालेज के शुरूआती दिनों में  और  फिर अब।
उसने बस बताया कि उसे चाय बहुत पसंद है और हम कॉफ़ी से  बेवफाई कर हो गए चाय के मुरीद।
और सीख डाले चाय बनाने के दसियों तरीके के जैसे अदरक वाली चाय, लौंग इलायची वाली चाय, मसाला चाय, दालचीनी वाली चाय और भी न जाने क्या क्या।

Tuesday 5 January 2016

wake with joy

Thankfulness shifts things. Have you ever had a day where you’re feeling sorry for yourself? Maybe you’re sulking with your very best pout, then suddenly, something captures your attention. It might be something small; like tiny, pretty pink flower poking out of the concrete on the side of the road, or a baby’s giggle, or perhaps it might be a elderly gentleman you’ve helped in the supermarket. Whatever’s happening, begin to thank God for it, let loose, and wait for that joy to come.
There is ALWAYS something we can be thankful for.:)
 Have a look around you. Have a think. Imagine not being able to see? Or hear, or walk, or live. It’s almost unfathomable. We have SO much to be grateful for. What if, over the next few weeks, we purposed in our hearts to wake up each morning, and even before we open our eyes, to be thankful, and position ourselves for the day. All it takes from you is eight little words.
It’s true! And what a great time of year to release our joy. Even when sometimes we might feel like we’ve misplaced our joy, it’s not a surprise for one. It’s always got more for us! “there is fullness of joy”.
God is trying to get your attention today. He’s got surprises for you! Will you receive them? Imagine you’ve prepared a gift for someone, and you’re waiting excitedly for them to arrive so you can give it to them… well this is what our heavenly dad has done for us today!
So start the day afresh now: close your eyes, think of something you can be thankful for… and wake with JOY.

Friday 1 January 2016

साल का पहला

आज नई  साल का पहला दिन मैं सोच रही हूं कि पिछली जनवरी के पहले दिन मैं क्‍या कर रही थी कुछ याद नहीं, अब इत्ती पुरानी बात कैसे याद रहे। लेकिन इस साल का पहला दिन  बहुत सुहावना लगा रहा है सुहावना क्योंकि आज सुबह से अच्‍छा-अच्‍छा सा महसूस हो रहा है। आज सुबह सवेरे ही मैं तैयार हुई अच्छा मेकअप किया और घुमने निकल गई। कभी कभी आसपास घुमते लोग, शोर-शराबा अच्छा लगता है, नए साल की चीख-चिल्‍लाहट है इर्द-गिर्द, सब अच्छा। साल का रिजोल्यूशन है कि अब अपने कमरे में अकेले नहीं बैठी रहूंगी। ज्यादा से ज्यादा पढूंगी और  थोड़ा बहुत लिखूंगी भी।  ऐसे ही तो सीख पाऊंगी।
और फिर एक दिन सीख ही लूंगी लिखना, लिखूंगी ज्यादा से ज्यादा, तभी तो लोगों तक पहुंचाने की कोशिश करूंगी, अच्छा या बुरा ये मैं तय नहीं करूंगी।
आज पूरा दिन घुम कर आने के बाद, चाय के प्याले के साथ सोच रही हूं गुजरे और आने वाले साल को। और तय कर रही हूं भीतर ही भीतर कि ये साल बहुत अच्छा होगा। क्योंकि ये जीवन सिर्फ मेरा है , इसलिए सिर्फ मेरी ही जिम्‍मेदारी है कि ये ठीक-ठीक हो। किसी दूसरे-तीसरे की नहीं। अब ये सोचने में उम्र जाया नहीं करनी कि फलां कहां है क्या कर रहा होगा, चिलां क्‍या कर रहा था। इसने क्‍या किया क्यों नहीं किया और उसने क्‍या किया या क्यों किया । दुनियाभर की शिकायतों का पुलिंदा ले कर बैठने से कभी चैन की नींद नहीं आती। खुद से पूछो तुम कहां हो क्या कर रही हो। खुद के साथ हो कि नहीं।
इस साल का वादा कि मैं रहूंगी मेरे साथ। कोई और रहे, न रहे। तो खुद से खुद को नए साल की खूब-खूब मुबारक।
इस साल की सबसे बड़ी कोशिश रहेगी मेरी पेंटिंग की exhibition…!!
©Shailla’z Diary

मोहब्बत पौधे जैसी

मोहब्बत एक पौधे जैसी होती है. जब पानी देना बंद कर दोगे, धूप दिखाना बंद कर दोगे, खाद डालना बंद कर दोगे तो पौधा मर जाता है. वो अचानक से नहीं मरता, वो तुम्हें मैसेज देते हुए मरता है कि देखो मैं मुरझाने लगा हूं, देखो मुझे पानी की ज़रूरत है. देखो मुझे संभाल लो.

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Love is like a plant.When you will stop watering them, when you will stop to the sun, when you will stop fertilizing, then plants dies. It does not die suddenly. It gives you massage while dying. Look at me, i am beginning to fade. Look at me, I need some water. Look, take care of me..!!