Tuesday 5 April 2016

मानो ठहर गया..

कहीं कुछ टुटा है आवाज नहीं हुई आंसू नहीं टपके बस दर्द था. तुफान नहीं आया बादल नहीं फटा तबाही नहीं मची. जैसे समंदर है आंसू का मानो ठहर गया..

 ©shailla’z diary

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