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Thursday, 24 March 2016
छोटे छोटे सुख
होली की वो गर्म दुपहरी.. तेज़ धूप और दूर तलक हरियाली पसरी.. जैसे हरी गेंहू की चादर.. दुनिया के झंझटों से कोसो दूर.. पत्तियों की खुशबू.. मिट्टी की खुश्बू.. कुछ बसंत के फूल..अहा! ये जीवन के छोटे सुख..बड़े-बड़े शहरों से कितने पराये हैं..!!
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