Shailla'z Diary
All about Words,Feeling,Joy & of course my Art & Craft..!!
Tuesday, 1 March 2016
चाँद
अटरिया पर चढ़ कर चाँद कुछ यूँ बैठा है जैसे उतरना ही न हो उतरना तो होगा ही देखना कल सुबह नदारद होगा और अगली रात से थोड़ा थोड़ा कटा मिलेगा जैसे अटरिया पर चढ़ने भर की किस्ते चुका रहा हो।। ©shailla’z diary
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment